गुरुवार, 27 अक्तूबर 2011

दिवाली २०११

मैं पिचले २००३ से अमेरिका में ही दिवाली मन रहा हूँ ! शायद २ या ३ साल दिल्ली में दिवाली मनाई होगी ! पहले हम लोग यूटाह में थे और २००३ की दिवाली हमने वहीं मनाई ! साल्ट लेक सिटी काफी खूबसूरत जगह है ! वहां राजेश के
बहुत सारे दोस्त थे ! सारे नजदीक ही थे ! जन्म दिन, कोई भी त्यौहार हम लोग मिलजुल कर मना लिया करते थे ! वहां नजदीक ही मंदिर भी थे ! २००५ में राजेश यहाँ न्यूयार्क आ गया ! उसके बाद यहाँ फिर उसके आई आई टी के बहुत सारे दोस्त मिल गए ! हर त्यौहार ये सारे लोग मिलजुल कर मनाते हैं ! यहाँ भारतीय बहुत बड़ी संख्या में हैं लेकिन बहुत दूर दूर रहते हैं ! हर एक के पास दो दो तीन तीन गाड़ियां हैं इसलिए आने जाने में कोई परेशानी नहीं है ! यहाँ पर हिन्दुस्तानियों के ही रेस्टोरेंट भी हैं जहां हर प्रकार का खाना मिल जाता है, साउथ इन्डियन भी और नॉर्थ इन्डियन भी ! साथ ही किसी प्रकार का महोत्सव इन्हीं रेस्टोरेंटों में मनाते हैं अमेरिका में हिन्दुस्तानी मूल के
लोग ! यहाँ राजेश- काजल ने दो साल पहले मेल्वील में नया घर लिया है, लोकेशन बड़ी प्यारी है ! मेंन दरवाजा पूर्व दिशा की और मुखातिब है ! दक्षिण में शानदार मख मली घास का लान है ! यहीं पर हमने टमाटर, पौकी की बेल बोई थी ! टमाटर पिछले साल भी और इस साल भी खूब खाए ! कुछ टमाटर तो २५० ग्राम तक के थे ! लौकी केवल एक हाथ लगी ! कालोनी के उतर में एक बहुत बड़ा फार्म हाउस है जहाँ मकई, टमाटर, बैंगन, सोयाबीन शिमला मिर्चें और भी ताजी ताजी सब्जियां मिल जाती हैं !
इस साल की दिवाली २६ अक्टूबर को पडी और उसी दिन मेरे बड़े पोते आत्रेय का जन्म दिन भी था ! करण ने दरवाजे पर लाइटें सजाई , वेदान्त ने खूब मस्ती की दादा दादी के साथ ! कालोनी में कम ही भारतीय हैं, इसलिए दूर से हमारा ही घर जगमगा रहा है ! दीवाली अमेरिका में मना रहे हैं और इंडिया की दीवाली और जगमगाती रोशनियों का आनंद ले रहे हैं दूरदर्शन पर !
यहाँ के लोग ३१ अक्टूबर को हेलोवीन का त्यौहार मनाते हैं ! सारे लोग अपने घरों के दरवाजों पर अजीब अजीब आकृतियों के भूतों के पुतले टांग देते हैं ! कहते हैं ये हेलोवीन का भूत है जो बहुत ही फ्रेंडली है ! इन लोगों का मानना है की हेलोवीन परिवार में खुशी और समृधि लेकर आता है ! उसके अलावा हरेक के घर के आगे कद्दू (सीता फल) को भी रंगों में पोत कर भूत में तबदील कर दिया जाता है ! बच्चे शाम के समय हाथों में छोटी छोटी बाल्टी लेकर हर दरवाजे पर दस्तक देते हैं और घर के लोग दरवाजा खोल कर उन बाल्टियों में बहुत सारे चौकलेट डाल देते हैं ! ये बच्चे कालोनी में किसी को नहीं छोड़ते ! अब ऊपर वाला ही जनता है की अगली दीवाली कहाँ मानी जाएगी, भारत में या अमेरिका में !

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