गुरुवार, 6 जनवरी 2011

२० राज रिफ़ में १ जनवरी से ३ जनवरी तक 2011

जो अंगारों पे चलकर राह बनाते हैं,
काश्मीर की चोटियों में ध्वज फहराते हैं,
जिनके पावों के तलुवों से कांटे डरते हैं,
शेर चीते भालू भी अपनी राह बदलते हैं,
जो लंका में जाकर अपना जलवा दिखलाते हैं,
वही वीर हैं वीस राज रिफ़ के सैनिक कहलाते हैं ! १
जिनके कदमों की आहट से दिल दुश्मन के हिलते हैं,
चेहरों की मुस्कान से जिनके गुलशन में फूल खिलते हैं,
जिनके आँगन में आकर बिछुड़े आपस में मिलते हैं,
जो दुश्मन की धरती में जाकर दिल उनका दहलाते हैं,
वही वीर हैं वीस राज रिफ़ के सैनिक कहलाते हैं ! २
तीस साल पहले अंकुर सा धरती से जो बाहर आया,
कर्नल सतवीर साहेब ने जिसको अपने हाथों जल पिलाया,
हर मॉस वर्ष दिवस जिसने कृतिमान के पुष्प बटोरे,
चक्र और मैडलों से जिसने भर दिए अपने सारे कटोरे,
जिसके सैनिक वीरों ने इस देश की लाज बचाई,
राज रिफ़ की वही बटालियन २० राज रिफ़ कहलाई ! ३
आज बटालियन के कमांडर हैं राजीव कुमार,
सूबेदार मेजर रनसिंह हो रही जय जय कार !!
जय माता जी की ! राजा राम चन्द्र की जय !